
E0 A4 A4 E0 A5 82 E0 A4 9c E0 A4 Bf E0 A4 B8 E0 A4 A6 E0 A4 Bf E0 A4 शेग ांवचेश्री गज नन मह र ज य ांच आज प्रकटददन. अध्य त्म त दांग होऊन आयुष्यभर भणांग वस्थेत जगलेल्य परांतुज तप त, उच्चदनचत न म नत सव ांन. त ¡झ न क «णा कळ §।। अस खल ह क §वढा तव क £प § स ¡मागी वळ §। उण § प ¡ढत य § त ¡झ्या खि त रत्नचितामण ।। चिर सतत माझ या वरदहस्त ठ §वा झण।।.

Rohit Sharma And Shubman Gill Raced To A 100 Run Stand Inside 14 Overs क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ नेपाली. पतय)क बकर स) त˚न स)र द˘ हत हx । और ह नयन स) नयन त˚न मह न) और अन˘क स) अन˘कm प च मह न) तक दm˘ द)त˚ हx , त प तय)क बकर क) द˘ द)न) म3 मधय ग च र मह न) हm $ए । ह एक म स म3 २ स. *💐ׂ अनांत क֭ट֢, ब्रम्ह ांड न यक, मह र ज वर्र ज, य֭ग֢र ज, परब्रम्ह, सच्च֢द नांद, भक्तप्रत֢प लक, श֩ग वन֢व स֢, समथि सद्ग֣रु श्र֢ गज नन मह र ज की जय ׂ💐*. क ख ग घ ड़#च ऊ ए झ ञ# ट ठ ड ढ ण# त थ द ध न#प फ ब भ म# य र ल स ज्ञ# अ आ इ हिन्दी वर्णमाला क.

Mohammed Siraj Unlucky Earlier On Sent Back Half Centurion Aasif *💐ׂ अनांत क֭ट֢, ब्रम्ह ांड न यक, मह र ज वर्र ज, य֭ग֢र ज, परब्रम्ह, सच्च֢द नांद, भक्तप्रत֢प लक, श֩ग वन֢व स֢, समथि सद्ग֣रु श्र֢ गज नन मह र ज की जय ׂ💐*. क ख ग घ ड़#च ऊ ए झ ञ# ट ठ ड ढ ण# त थ द ध न#प फ ब भ म# य र ल स ज्ञ# अ आ इ हिन्दी वर्णमाला क. ॥ ॐ ी स द नद सद ्ग म धवन थ य नमः ॥ घन व ज घणघण । व र व ज णझण । भवत रक ह क । वगी भटव क ं ॥ १ ॥ च ं दव व च ं दण । च पव चदन । दवक नदन । वण न वड व ॥ २ ॥ चदन ची. २१ म १९४७ र ज ग प क ल आत त रज षचय समत ल अप क ल . पढ `पतप सह छतपतत आत र ग बप ज य न) न ह ग १९४८ ल पतद क ल आत आधतनक महरष चय’ इततहत एक मgतलक भर घत ल . शिव उवाच दुर्लभ तारिणी मार्ग दुर्लभं तारिणी ओअदम् । मन्त्रार्थ मन्त्रचैतन्यं दुर्लभं शवसाधनम् ॥ श्मशानसाधनं योनि साधनं. परर ह तf ज द ररदय चf ॥ सततचच तf ज मळतf ॥ १ ॥ मe6० : ह बघ, तय ग m च आत खद म न4 नक स, त!झ $वय क ह च र न च रर न ह कd र ज न !ट न ह ; आपलय त इmमम6 न दत दत क झ आह; मह 4न द न.

Why Don T You Bowl That Ball But That S What I Just Did Rohit Sharma ॥ ॐ ी स द नद सद ्ग म धवन थ य नमः ॥ घन व ज घणघण । व र व ज णझण । भवत रक ह क । वगी भटव क ं ॥ १ ॥ च ं दव व च ं दण । च पव चदन । दवक नदन । वण न वड व ॥ २ ॥ चदन ची. २१ म १९४७ र ज ग प क ल आत त रज षचय समत ल अप क ल . पढ `पतप सह छतपतत आत र ग बप ज य न) न ह ग १९४८ ल पतद क ल आत आधतनक महरष चय’ इततहत एक मgतलक भर घत ल . शिव उवाच दुर्लभ तारिणी मार्ग दुर्लभं तारिणी ओअदम् । मन्त्रार्थ मन्त्रचैतन्यं दुर्लभं शवसाधनम् ॥ श्मशानसाधनं योनि साधनं. परर ह तf ज द ररदय चf ॥ सततचच तf ज मळतf ॥ १ ॥ मe6० : ह बघ, तय ग m च आत खद म न4 नक स, त!झ $वय क ह च र न च रर न ह कd र ज न !ट न ह ; आपलय त इmमम6 न दत दत क झ आह; मह 4न द न.